Saturday, May 8, 2021

खूँन से खत लिखें खत पे अपनी जान रखें अफसोस हमें कोई इस काबिल तो समझे प्यार का इज़हार ना तो नफ़रत ही सहें लेकिन हमें कोई ज्वाब पाने के काबिल तो समझे ।

खूँन से खत लिखें खत पे अपनी जान रखें 
अफसोस हमें कोई इस काबिल तो समझे 
प्यार का इज़हार ना तो नफ़रत ही सहें मुखत्यार  
लेकिन हमें कोई ज्वाब पाने के काबिल तो समझे........
 

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