मुखत्यार सिंह करनावल अलवर राजस्थान
How I started writing Blogs (Part 02)
मैंने ब्लॉग्स लिखना कैसे शुरू किया (भाग 02)
Date-14.05.2021
15 अप्रैल 2021 से कोरोना (Covid -19) के कारण स्कूल बंद होने से मैं यू ट्यूब पर प्राइम एशिया टीवी के यू ट्यूब पंजाबी कार्यक्रम "चज दा विचार "कार्यक्रम को देखने सुनने लगा जिसके प्रस्तुत करता हरमन थिन्त और स्वर्ण सिंह ढैणा है । जो पंजाबी गायकों व गीतकारों के इन्टरव्यू दिखाते हैं । जिसमें मैंने कई पंजाबी गायकों व गीतकारों अर्थात लेखकों शायरों के इंटरव्यू सुने उनमें मुख्य रूप से पुराने गीतकारों से लेकर नए गीतकारों को सुना जिनमें जिसमें मुख्य रूप से पुराने सन् 1965 से लिख रहे पंजाबी लोक गीतकार बब्बू सिंह मान मराड़ा वाले से मुझे गीत शायरी व आर्टिकल्स लिखने
की प्रेरणा मिली । जिन्होंने शुरू में कई पंजाबी गायकों के लिए लिए गीत लिखे लेकिन बाद में पंजाबी सुपरहिट गायक कुलदीप माणक , मौहम्मद सदीक (वर्तमान में लोक सभा सदस्य (M.P.) फरीदकोट पंजाब काँग्रेस पार्टी) सुपरहिट गायक व वर्तमान में बीजेपी के टिकट पर लोकसभा सदस्य उत्तर पश्चिमी दिल्ली (M.P.) हँस राज हँस और हरभजन मान के लिए सैकड़ों गीत लिखे । वैसे कुल में उनके गीतों की संख्या हजारों में है । उसके बाद में उन्होंने हिन्दी फिल्मों में जाने माने गायक सुखविंदर के लिए गीत लिखे ।
गौरतलब है कि सुखविंदर ने शाहरुख खान के लिए "चल छईयाँ छईयाँ" सुपरहिट गीत से लेकर भारत की पहली ऑस्कर अवार्ड जीतने वाली मूवी स्लॅमडॉग मिलिनेयर के लिए सुपरहिट साँग "जय हो" को भी गाया तथा इसी गीत ने गायन क्षेत्र में 2009 में ऑस्कर अवार्ड जीता जिसका संगीत ए. आर. रहमान के द्वारा दिया गया है । उनका लिखा गीत शाहरूख खान की मूवी "चलते चलते" में तेरी मेरी एँ टुट गई जिवें टुट्टया अरश तो तारा.... भी काफी मकबूल हुआ है ।
खैर बब्बु सिंह मान मराड़ा वाले ने उस इन्टरव्यू में कहा कि कोई विचार हमारे सामने एक हवा के झोंके की तरह आता है यदि हमारे पास अच्छी शब्दावली है तो हम उसे तुरंत कागज पर उतार सकते हैं अतः एक अच्छे गीतकार या लेखक को साहित्य जरूर पढ़ना चाहिए जिससे हमारी शब्दावली और मजबूत होती है और यदि हमारे पास शब्दावली है तो हम बाद में हवा की तरह आए उस विचार (मुखड़े) को शेर या गीत का रूप दे सकते हैं
उनकी इसी बात से मुझे लिखने की प्रेरणा मिली क्योंकि मेरे अंदर बहुत से विचार आते रहते थे ।
दोस्तों यहाँ पर मैं इस बात को भी स्पष्ट कर दूँ कि मैं इस लेख में पंजाब के लोकप्रिय गायक व गीतकार बब्बु मान (सौण दी झड़ी व मितराँ दी छतरी ते उड गई ) गीतों को गाने वाले की बात नहीं
कर रहा हूँ जो कि मेरे भी पसंदीदा कलाकारों में से एक है ।
यहाँ पर मैं बब्बु सिंह मान मराड़ा वाले गीतकार व लेखक
की बात कर रहा हूँ ।
बाद मैंने कई पंजाबी गीत कारों के इंटरव्यू सुने जिनमें मुख्य रुप से
2. बलवीर बोपाराए (दे दे गेड़ा शौक नाल रकाने गोरीये....के रचयिता व गायक )
3. देबी मख्सूसपुरी
4. गुरपाल सिंह सन्धु संगदिल (47 संगदिल) बुल्लट ताँ रक्खी है पटाके पाऊन नूँ .....गीत के रचनाकार
5. भिन्दर डबवाली (स्वर्गीय गायक धर्मप्रीत) व अन्य पंजाबी गायकों के लिए दर्द भरे गीत लिखने वाला
6. रमेश बरेटा ,
7. बचन बेदिल (लक्क ट्वेंटी एट कुड़ी दा फौर्टी सेवन वेट कुड़ी दा सुपरहिट गीत के लेखक) और मेरे दिल् के करीब दर्द भरे गीत गाने वाले गायक रणजीत मणी के लिए ज्यादा गीत लिखने वाले ।
8. देव थरीके वाला सबसे ज्यादा कुलदीप माणक के लिए कलियाँ लिखने वाला व हर पंजाबी गायक के लिए हजारों गीत लिखने वाला पुराना गीतकार जिन्ह आज खुद याद नहीं कि यह गीत भी उसी ने ही लिखा है । जब गाने के अंतिम अंतरे (stanza) में उनका नाम "देव थरीके वाला" आता है तो उन्हें यकीन आता है कि हाँ यह गीत भी उनहोंने ही 1970 या फलाँ सन में फलाँ गायक
के लिए लिखा था।
9. दविन्दर खन्ने वाला (नच्ची जो साडे नाल ओहनूँ दिल वी देआँगे) गीत के रचयिता जिसे हँस राज हँस ने गाया था ।
10. विनोद शायर पुरी वाला (नी तूँ विछड़न विछड़न करदी हैं जदों विछड़ेगी पता लग जाऊगा) सुपरहिट गीत के रचयिता ।
11.पाली देतवालिया
12...व और बहुत सारे लेखक.........
लेकिन बब्बु सिंह मान मराड़ा वाले के इन्टरव्यू को सुनकर मैंने
फैंसला किया कि अब मैं भी गीत लिखूँगा और पंजाबी गायकों तक अपने गीत पहुँचाऊँगा । इसके साथ मैंने लगभग सभी प॓जाबी गायकों के भी इन्टरव्यू सुने यदि मै उनके नाम लिखूँगा तो लिस्ट बहुत लम्बी हो जाएगी । लेकिन इतना बताना आवश्यक है कि पुराने पाकिस्तानी पंजाबी गायक आलम लुहार से लेकर नये सुपरहिट व मेरे फैवरिट पंजाबी गायक आर नैट (R-Nait) तक के इन्टरव्यू को सुना । उसके बाद जैसे ही मैंने गीत लिखना शुरू किया तो मेरी गीतकारी शायरी में बदल गई अतः जीवन के अनुभवों व आप बीती डायरी अतः आर्टिकल लिखने में रुचि लग गई यह 3 मई 2021 की बात है अब तक मैं कुछ शायरी लिख चुका धा ।
तभी मैंने सोचा क्यों न इसे सोशियल मीडिया पर किसी ऑथेंटिक साधन पर लिखा जाए जहां लेखकों की कद्र भी होती हो मैंने गूगल पर वह यू ट्यूब पर "वेयर टू राइट योर थॉट्स ?" (अर्थात अपने विचार कहाँ पर लिखें ?) आदि डालकर सर्च करने की कोशिश की तो कुछ ब्लॉग्स , ब्लॉगिंग , ब्लॉगर जैसे शब्द आए लेकिन जैसे ही मैंने उन्हें पढ़ा एक बार फिर से मै चौंक गया क्योंकि सन 2015 में हुई बांग्लादेशी ब्लॉगर्स की हत्याओं का दृश्य मेरे सामने आ गया ।
फिर भी मैं उन शब्दों को समझना चाहता था परंतु मुझे लगा कि शायद यह बहुत बड़ा और टैक्निक्ल व बहुत मुश्किल तथा मेरे जैसे कम्प्यूटर से अन्जान व्यक्ति के बस का काम नहीं है । इसलिए मैंने उसे ज्यादा समझने में ज्यादा रुचि नहीं ली और अपनी रफ काॅपी उठाकर शायरी लिखने लग गया । फिर दो दिन बाद मुझे एक फेयर रजिस्टर की आवश्यकता पड़ी क्योंकि अब तक मैं काफी कुछ रचनाएं लिख चुका था अतः मैंने सोचा कि भविष्य में अगर इन्हें किसी पब्लिकेशंस को देना है तो एक फेयर रजिस्टर बनाना होगा अतः मैं 06 मई 2021 को हमारे बहाला स्टैण्ड (एम आई ए) के अपने एक परिचित स्टाफ सदस्य मित्र जितेंद्र कुमार के पास उनकी स्टेशनरी दुकान पर फेयर रजिस्टर लेने गया जो कि पेशे से एक अध्यापक भी हैं और जे. के. कंप्यूटर एण्ड कोचिंग इन्स्टीट्यूट चलाते हैं और स्वयं भी एक अध्यापक हैं ।
रजिस्टर तो मैंने दो खरीद लिए लेकिन जब मैं वापस आने के लिए उठने लगा तो मैंने अचानक उनसे पूछ लिया कि सर यह जो मैं लिख रहा हूं क्या आप मुझे यह बता सकते हैं कि अलवर शहर में कोई
बुक्स का प्रकाशन करता है क्योंकि आने वाले समय में मैं अपनी लेेखनी को प्रकाशित करवाना चाहता हूँ । अतः आज कल मैं इस लेखनी को फेसबुक पर लिख रहा हूं ।
तो उन्होंने तुरंत कहा कि आप ब्लॉग्स लिखो जहां पर आपकी लेखनी का मोल भी होगा अतः आपके लेखों शायरी पर आपका ही नाम होगा अतः आपके विचार चोरी नहीं होंगे इसे यूं ही फेसबुक पर मत लिखो क्योंकि मेहनत आप कर रहे हो और फेसबुक पर फायदा कोई और उठाएगा आप ब्लॉग्स क्यों नहीं लिखते ? आपको अपनी शायरी, आर्टिकल विचार और पर्सनल डायरी 'ब्लाॅगर' पर लिखनी चााहिए ।
ब्लॉग शब्द सुनते ही मैं एक बार फिर से चौंक गया क्योंकि यह शब्द मेरे कानों में 2015 से गूंज रहा था कि यह कितना प्रभावशाली माध्यम है । अब तक मुझे जितेंद्र कुमार जी पूरी तरह से समझा चुके थे कि लिखने का ब्लॉगर ही एकमात्र डिजिटल साधन है उस दिन हमें इस विषय पर चर्चा करते हुए काफी समय हो गया अतः मैं अपनी ब्लॉगर की आईडी नहीं बनवा सका और मैंने जितेंद्र सर से कहा एक-दो दिन में मैं फ्री टाइम में फिर आऊँगा ।
उसी दिन घर पर आकर मैंने यू ट्यूब पर ब्लॉगिंग के बारे में समझने के लिए कई वीडियोज देखी और ठीक दो दिन बाद 8 मई सन 2021 को जाकर जितेंद्र जी से अपने मोबाइल पर मेरा ब्लॉगिंग का अकाउंट मुखत्यार सिंह करनावल अलवर राजस्थान "पर्सनल डायरी एंड शायरी" के नाम से बनवा लिया अतः उसी दिन आकर मैंने रात के 3:00 बजे तक ब्लॉग्स पर काम किया व कई शायरी रचनाएं लिखी । अतः अब मैं पहले की तरह ब्लाॅगर शब्द से चौंकने व डरने
नहीं लगा ।
लिख तो मैं पहले 01.05.2021 से ही रहा था लेकिन बिना समय गवाँए आठ दिन में ही इन्टर नैशनल लेवल (अंतर्राष्ट्रीय स्तर ) पर सभी प्रकार के बलाॅग्स लिखने लगा । जिसका श्रेय मित्र जितेन्द्र कुमार जी को पूरी तरह से जाता है । और लेखक बनने की प्रेरणा
का श्रेय गीतकार बब्बु सिंह मान मराड़ा वाले को जाता है ।
और भारत के आलावा विदेशों तक मेरे विचार पहूँचने लगे क्योंकि बहुत सारे लेख (आर्टिकल्स) को मैं अंग्रेजी विषय का अध्यापक
होने के कारण व अंग्रेजी भाषा में अच्छी-खासी पकड़ होने के
कारण अंग्रेजी में लिखने लगा.गया हूँ ............
जारी है................
दोस्तों बहुत ही जल्दी इस आर्टीकल का भाग 03 आपके सामने हाजिर होगा..........
कैसा लगा दोस्तों कमेन्ट्स कर के बताने की मेहरबानी करना......
उम्मीद करता हूँ कि इस ब्लॉग का मेरे ब्लॉगर अकाऊंट पर भाग
एक भी आप व आने वाले भाग भी आप पढ़ेंगे.......
धन्यवाद
आपका अपना
मुखत्यार सिंह करनावल अलवर राजस्थान
गाँव साँखला M.I.A अलवर राजस्थान
Mail----mukhtyar09081981@gmail.com
Date 15.05.2021
Hello sir it's so good
ReplyDeleteBut I think it's so long