Saturday, October 16, 2021

17.10.2021 महँगाई V/S हिन्दुराष्ट्र और जहरीली लहरें..

लेखक 

मुखत्यार सिंह करनावल  M.I.A अलवर राजस्थान 

Date...17.10.2021 


 विषय-----महँगाई बनाम हिन्दुराष्ट्र और जहरीली लहरें 


(कट्टर हिन्दुओं का जूता उन्ही के सिर)

दोस्तों आप जानते हैं कि भारत देश हिन्दु बाहुल्य है ।

वैसे तो भारत में सभी तरह के हिन्दू हैं 

लेकिन 2014 तक ज्यादातर आम हिन्दू भी

कट्टर हिन्दू मैं बदल चुका था जिससे भारत में 

पहली मोदी लहर आयी ।

अतः 2019 में वही हिन्दू अब अंधभक्तो का का 

रूप ले चुके थे ।

जिसके परिणामस्वरूप भारत में 

दूसरी मोदी लहर आयी ।


मंदिर बन गया और धारा 370 हट गई और 

NRC , CAB  अधर में ही लटक गयीं ।


लगता है मनहूस लहरों का अंधभक्तो 

को चस्का लग चुका था ।

अब चुनाव तो 2022 में होने हैं ।

लेकिन अंधभक्तो को तो जल्दी ही कोई और लहर 

चाहिए थी ।

उनकी मनोकामना पूरी हुई ।

अब फिर एक और मनहूस लहर कोरोना लहर आयी 

जो लाखों हिन्दुओं को ही बहा के ले गयी ।

फिर दूसरी कोरोना लहर आयी जो मोदी लहरों 

से भी भयानक थी ।

और अट्टर कट्टर सब को बहा के ले गयी ।

अब लोग लहरों से तौबा करने लगे ।

और लाॅकडाऊन की कैद से मुक्त होकर 

वापिस पुरानी सड़कों पर आना चाहते थे 

और लहरों का नाम भी नहीं लेना चाहते धे ।

लेकिन लहर है कि मानती ही नहीं ।

तीसरी कोरोना लहर भी मूँह फैलाये खड़ी है ।

जिसके कहर से लहरों के जन्म दाता को भी 

बहने का खतरा बना हुआ है ।

लेकिन अब एक नयी लहर पैदा हो गयी है ।

जिसे महँगाई लहर कहते हैं ।

अब यह लहर उन्ही हिन्दूओ का टटलु 

निकाल रही है जिन्होंने हिन्दुराष्ट्र का सपना 

देखा था ।


हिन्दुराष्ट्र तो बना नहीं लेकिन महँगाई उनका 

टटलु निकाल रही है । 

क्योंकि मुस्लिम तो बिचारे 

वैसे ही बहुत कम हैं हिदुस्तान में ।

अब कुछ पाने के लिए 

कुछ खोना तो पड़ेगा ना ।


लेकिन इन अंधभक्तो को तो 

वो भी ना मिला ।

धोबी के कुत्ते घर के ना घाट के 

यह कहावत असभ्य लगती है यहाँ पर ।


आईये हिन्दुओं की हिन्दी में बात 

करते हैं......


सच कहा है किसी ने......


दुविधा में गये दोनों 

माया मिली न राम ।


हिन्दुओं का जूता उन्ही के सिर 


आपके चाहिते

मुखत्यार सिंह करनावल के

सच्चे और कड़वे बोल 

17.10.2021



  

 



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