लेखक
मुखत्यार सिंह करनावल M.I.A अलवर राजस्थान
Date...17.10.2021
विषय-----महँगाई बनाम हिन्दुराष्ट्र और जहरीली लहरें
(कट्टर हिन्दुओं का जूता उन्ही के सिर)
दोस्तों आप जानते हैं कि भारत देश हिन्दु बाहुल्य है ।
वैसे तो भारत में सभी तरह के हिन्दू हैं
लेकिन 2014 तक ज्यादातर आम हिन्दू भी
कट्टर हिन्दू मैं बदल चुका था जिससे भारत में
पहली मोदी लहर आयी ।
अतः 2019 में वही हिन्दू अब अंधभक्तो का का
रूप ले चुके थे ।
जिसके परिणामस्वरूप भारत में
दूसरी मोदी लहर आयी ।
मंदिर बन गया और धारा 370 हट गई और
NRC , CAB अधर में ही लटक गयीं ।
लगता है मनहूस लहरों का अंधभक्तो
को चस्का लग चुका था ।
अब चुनाव तो 2022 में होने हैं ।
लेकिन अंधभक्तो को तो जल्दी ही कोई और लहर
चाहिए थी ।
उनकी मनोकामना पूरी हुई ।
अब फिर एक और मनहूस लहर कोरोना लहर आयी
जो लाखों हिन्दुओं को ही बहा के ले गयी ।
फिर दूसरी कोरोना लहर आयी जो मोदी लहरों
से भी भयानक थी ।
और अट्टर कट्टर सब को बहा के ले गयी ।
अब लोग लहरों से तौबा करने लगे ।
और लाॅकडाऊन की कैद से मुक्त होकर
वापिस पुरानी सड़कों पर आना चाहते थे
और लहरों का नाम भी नहीं लेना चाहते धे ।
लेकिन लहर है कि मानती ही नहीं ।
तीसरी कोरोना लहर भी मूँह फैलाये खड़ी है ।
जिसके कहर से लहरों के जन्म दाता को भी
बहने का खतरा बना हुआ है ।
लेकिन अब एक नयी लहर पैदा हो गयी है ।
जिसे महँगाई लहर कहते हैं ।
अब यह लहर उन्ही हिन्दूओ का टटलु
निकाल रही है जिन्होंने हिन्दुराष्ट्र का सपना
देखा था ।
हिन्दुराष्ट्र तो बना नहीं लेकिन महँगाई उनका
टटलु निकाल रही है ।
क्योंकि मुस्लिम तो बिचारे
वैसे ही बहुत कम हैं हिदुस्तान में ।
अब कुछ पाने के लिए
कुछ खोना तो पड़ेगा ना ।
लेकिन इन अंधभक्तो को तो
वो भी ना मिला ।
धोबी के कुत्ते घर के ना घाट के
यह कहावत असभ्य लगती है यहाँ पर ।
आईये हिन्दुओं की हिन्दी में बात
करते हैं......
सच कहा है किसी ने......
दुविधा में गये दोनों
माया मिली न राम ।
हिन्दुओं का जूता उन्ही के सिर
आपके चाहिते
मुखत्यार सिंह करनावल के
सच्चे और कड़वे बोल
17.10.2021
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