Personal Diary Shayari
Master Mukhtyar Singh Karnawal (M.I.A)
Alwar Rajasthan
23 August 2024 Friday
विक्रमी सम्वत 2081 भादरो वदी 04
नानकशाही सम्वत 556 भादरू 08
साका सम्वत 1946 , हिजरी सम्वत 1446
1...शायरी
जब मूँह ही भर लिया नोटों से
तो ये तफ्तीश का तमाशा क्यों
जब हड्डियां ही बहा दी गंगा में
तो उनके आने का ये झूँठा दिलासा क्यों ?
मौसम = आज मौसम साफ है व दोपहर में ऊमस व गर्मी है ।
सुबह = सुबह 5 बजे उठा । खाना बनाया और काम पर गया ।
आज से फिर स्टेशनरी की दुकान का महुरत किया ।
दोपहर = 3 बजे से 4:30 तक आराम किया ।
शाम = शाम को Pending डायरी लिखी ।
राशन लाया । खाना बनाया ।
रात = रात को 12 बजे तक मोबाइल पर व्यस्त रहा ।
मोबाइल पर डायरी = आज रात से फिर ब्लॉग पर पर्सनल
डायरी शायरी लिखनी शुरू कर दी ।
U Tube = आज से फिर Education U tube channel
पर वीडियो Upload करनी शुरू कर दी ।
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