शायरी मास्टर मुखत्यार सिंह करनावल अलवर राजस्थान
तुम्हें खूब पता है यहाँ खुदा के घर में भी होती हैं चोरियाँ ।
इक तुम हो कि इस चोर बाजार में महबूब लिए घूमती हो ।।
27.08.2024 ======
हम तो पतंगे हैं जो शमा को चूमते है ।
छोटी ने मना कर दिया तो बड़ी को ढूंढते हैं ।।
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