Personal Diary Shayari
Master Mukhtyar Singh Karnawal Alwar Rajasthan
20 September 2023 , Wednesday.
अस्सु महीना 4 ( नानकशाही सम्वत 555 )
मेरा जीवन एक खुली किताब है जिसे कोई भी पढ़ सकता है
और मैं चाहता हूँ कि जमाना मुझे पढ़े ।
My life is an open book. Everyone can read it.
I want to be read by the world.
Dairy
आज का दिन भी रोजमर्रा की तरह गुजर गया ।
सुबह जल्दी उठकर काम पर गया ।
दोपहर 2:00 p.m. पर वापिस घर पहुँचा ।
स्वयं खाना पकाया और तीन बजे खाना खाया ।
अपने यू टयूब चैनल के लिए ऑडियो को विडियो में
Kine Master App से Convert किया व उसे मेरे
यू टयूब चैनल पर अपलोड किया ।
शाम को मार्किट जाकर राशन लाया ।
बाईक में पेट्रोल डलवाया और फिर पानी भरा ।
रात नौ बजे मास्टर मुखत्यार सिंह अलवर राजस्थान
फेसबुक पेज पर लाईव कार्यक्रम किया
उसे फेसबुक अंर वाट्स एप ग्रुपों में शेयर किया
बर्तन माँजे और दोपहर का बचा हुआ खाना खाया ।
सुबह से लेकर रात तक पाँच बार चाय स्वयं बना कर पी ।
रात 11:45 पर फ्री होकर ऑनलाइन डायरी लिखना
शुरू किया ।
आज तो जबरदस्त गर्मी थी ।
Expanses --------
1...rs 110 bike Petrol
2...59 Provisions
3....rs.15 Samosa
विचार Thoughts
आजकल मेरा जीवन बहुत ही संघर्षमयी है ।
जुलाई से सितम्बर तक पूरे तीन महीने कडकती धूप में मै
कभी दोपहर को सोया नहीं ।
संघर्ष तो मैं बचपन से ही कर रहा हूँ पर आज मेरे मन में एक सवाल उठा कि पहले वाला संघर्ष ज्यादा कठिन था या हाल के दो सालों का ज्यादा कठिन ।
इसका सही उत्तर मेरे पास नहीं है ।
हजारों विचार एक दार्शनिक की तरह मन में उठ रहे हैं ।
उन्हे लिखना चाहता हूँ लेकिन क्या करूँ
रात साढे बारह बजे का वक्त हो गया है ।
और आँखें सोने के लिए मचल रही हैं ।
काश मैं और लिख पाता ।
I wish I could write some more.
Thanks
No comments:
Post a Comment