Friday, August 30, 2024

30 August 2024 Personal Diary Shayari Master Mukhtyar Singh Karnawal Alwar Rajasthan

 Personal Diary Shayari 

Master Mukhtyar Singh Karnawal 

Alwar Rajasthan 

30 August 2024  Friday

विक्रमी सम्वत  3081 भादरो वदी 12

नानकशाही सम्वत भादरू 15

साका सम्वत 1946

 हिजरी सम्वत 1446



मौसम 

आज मौसम साफ था , दोपहर व शाम को कुछ हल्के बादल

हुए थे ।


सुबह 

सुबह 5 बजे उठा व काम पर गया ।


दोपहर 

दोपहर को एक घंटा आराम किया ।


शाम

शाम को घर जाकर माता पिता का हालचाल पूछा और

गुरुद्वारे गया ।


रात

रात को रिश्तेदारोंसे फोन पर बात की व रात 11 बजे 

ब्लॉग पर डायरी लिखी । 

दोपहर रणजीत व शाम को सरोज व महेन्द्र सिंह से 

बात की ।


आज का सबक

वर्तमान में जियो व वर्तमान को सही तरीके से जियो 

क्योंकि मनुष्य के हाथ में सिर्फ वर्तमान है ।

भूतकाल सुधारने का मौका नहीं देता पछतावे के आलावा 

कुछ भी हाथ नहीं लगता ।

और भविष्य किसी देखा नहीं लेकिन  हाँ यदि आप वर्तमान में 

सही प्रयास कर रहे हो तो भविष्य में आशानुरूप ना ही तो 

कम से कम पछताना तो नहीं पड़ता ।


पंजाबी शायरी


लग्गी है सट्ट कणेजे ते ।

पये ने फट्ट डूँघे बड़े ।

दिने पैण चीसाँ ।

राताँ नूँ दिल सड़े ।

एस सट्ट दवाई नहीं 

किसे हट ते ।

हाये रब्बा कुछ ना खट्टया 

असीं खट के ।

कित्थे गिया तूँ सानू सट के ।

एक वारी आजा 

भाँवें आजा तूँ मूँह वट के ।

मेरे दुख ना वँडावे कोई 

जिहने ना सी कीति 

रह के तम्बु विच वी ।

अज्ज कल्ला बह के 

रौन्दा मकाना विच वी । 

हाये मुखत्यार लग्गी है सट 

बड़ी कणेजे ते ।

   




Thursday, August 29, 2024

29 August 2024 Personal Diary Shayari Master Mukhtyar Singh Karnawal Alwar Rajasthan

 29 August 2024 Thursday 

Personal Diary Shayari 

Master Mukhtyar Singh Karnawal 

Alwar Rajasthan


विक्रमी सम्वत 2081 भादरो वदी 11

नानकशाही सम्वत भादरू 14

साका सम्वत 1946

हिजरी सम्वत 1446


मेरा जीवन एक खुली किताब है 

जिसे कोई भी पढ़ सकता है ।


सुबह  ===

सुबह 5 बजे उठा ।


 आज सुबह खबर ऐसी 

 कलेजा चीरने वाली मिली 

कि जख्म ताउम्र ना भर पायेंगे ।

चोट इतनी गहरी लगीं हैं 

कि लगी वाले ही समझ पायेंगे ।

दोपहर को भी यही 

खबरों का हाल था ।

कच्ची खबर पक्की हो गयी 

और चिरा हुआ कलेजा 

बाहर निकल गया ।

आस पास ना कोई दोस्त 

ना रिश्तेदार धा ।

हुई शाम तो आई याद पीर पैगम्बरों की ।

गम बाँटने वाला बस वो ही एक सच्चा यार था ।

रात गहरी हुई जख्म और गहरे हुए 

मेरा तो बस रो रो के बुरा हाल था ।

या खुदा ये कैसा इम्तिहान था ।


दोपहर को घर गया और माँ की खैर खबर ली ।

दोपहर बाद मकान के साईड वाले दरवाज़े के ऊपर 

मिट्टी का एक और औसार और किया ।


शाम 

शाभ को गुरुद्वारे गया ।


मौसम

आज मौसम पूरी तरह से साफ था ।


रात को ब्लॉग पर डायरी शायरी लिखी ।





Wednesday, August 28, 2024

28 August 2024 Personal Diary Shayari Master Mukhtyar Singh Karnawal Alwar Rajasthan

            Personal Diary Shayari 

Master Mukhtyar Singh Karnawal 

Alwar Rajasthan

 

28 August 2024 Wednesday


विक्रमी सम्वत 2081 भादरो वदी 10


नानकशाही सम्वत भादरू 13

साका सम्वत 1946

हिजरी सम्वत 1446


I am an opened book and anybody can read me.

Not only you are reading me but you are getting 

good vocabulary in English  , Hindi  , Urdu and 

Punjabi. While reading me you are learning 

English too.

मै एक खुली किताब हूँ और मुझे कोई भी पढ़ सकता है ।

ना सिर्फ आप मुझे पढ़ रहे हैं बल्कि अंग्रेजी  , हिन्दी , 

 ऊर्दू  और पंजाबी की अच्छी शब्दावली भी सीख रहे है ।

मुझे पढ़ते वक्त आप अंग्रेजी भी सीख रहे है ।


शायरी 

ना कहूँ अब की ना कहूँ तब की ।

अगर ना होते गुरू गोविन्द सिंह 

तो सुन्नत होती सब की ।।


मोहब्बत मैं नहीं है फर्क जीने और मरने का ।

उसी को देखकर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले ।।

                                   (   मिर्ज़ा ग़ालिब  )


Weather =  It's a clear today 

आज मौसम साफ है । 


Daily Routine 

सुबह 

आज सुबह 5 बजे उठा और काम पर गया ।

दोपहर  = दोपहर 2 से 4 बजे तक दोपहर की नींद ली ।

शाम = शाम को 5 से 6:30 तक मिट्टी का गारा बनाकर 

साईड वाले दरवाज़े के शुरू के एक पतले औसार को 

चौड़ा किया ।


रात  = रात को ब्लॉग पर पर्सनल डायरी शायरी लिखी

व 12 बजे तक फोन पर व्यस्त रहा ।


रिश्ते नाते 

आज एक करीबी दोस्त हाॅस्पिटल मे भर्ती हुए ।

वाहेगुरु उन्हें शीघ्रताशीघ्र तदरूस्त करे ।

जिससे कि पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़े ।


            (   आज का गीत   )

अल्लाह खैर करे मेरे सज्जणा दी 

मैंनू सुफणे बाहणे आऊँन्दे ने 

मैं दीद ओंहन्दी नूँ तरस रही 

ना सज्जण फेरियाँ पाऊँन्दे ने  ।

अल्लाह खैर करे मेरे सज्जणा दी 

मैंनू सुफणें बाहणे आऊँन्दे ने ।।

                     (   रंजीत मनी  )


Stationery Shop sale rs.  54

Expanses rs.  13


Thanks 







Tuesday, August 27, 2024

27 August 2024 Personal Diary Shayari Master Mukhtyar Singh Karnawal Alwar Rajasthan

 Personal Diary Shayari Master Mukhtyar Singh 

Karnawal M.I.A Alwar (Rajasthan)

27 August 2024  Tuesday 

विक्रमी सम्वत 2081 भादरो वदी  09

नानकशाही सम्वत  भादरू 12

साका सम्वत 1946    ,    हिजरी सम्वत  1446


 Thoughts 

सच्चे दोस्त तो वही  होते हैं जो बचपन में बनते हैं ।

जवानी के दोस्त तो सब मतलबी यार होते हैं ।

फिर भी एक दुसरे से मतलब लेने देने के लिए 

हर किसी को दोस्त कहना पडता है ।

हल्का सा विचारों में फर्क आया तो 

नकली दोस्ती की खाल तुरंत उतर जाती है ।।


शायरी 

पहले बहूत ऊपर थे अब बहूत नीचे हैं  ।

लेकिन ये दोनों जगह हमने ही चुनी हैं ।।


हम तो पतंगे हैं जो शमा को चूमते है ।

छोटी डर गयी तो बड़ी को ढूंढते हैं ।।


भावार्थ  == जुल्म के खिलाफ छोटे मोटे बेईमानो को 

धूल चाटने के बाद बड़े बड़े तानाशाहो से टकराना शुरू 

कर दिया है ।


मौसम  =  सुबह 5 बजे बरसात शुरू हुई । बीच बीच में 

दोपहर शाम को भी होती रही ।


राजनीति  = मोदी आये हैं वापिस यूक्रेन का दौरा करके ।

बात की है उन्होंने जो बाईडन , जैलैन्स्की और पुतिन से ।

किसी ने सच ही कहा है कि मान न मान मैं तेरा मेहमान ।


Personal Diary 

आज सुबह बाईक की पिछला टायर टयूब पटाखा मार गया ।

M.R.F का नया टायर टयूब डलवाया है ।


ख्याल   ====

40 साल से ज्यादा संघर्ष करते हुए कभी चैन पाया ही 

नहीं ।   वाहेगुरु आजकल मेहरबान है ।

अब ऐसे लगता है जैसे कि भागदौड़ की जिन्दगी से 

ठहराव मिल गया है । तभी तो खुद को समय देकर 

खुद को लिख रहा हूँ ।

लगता है वाहेगुरु नाम जपने का फल मिल रहा है ।




Expanses 

1...rs...1600 MRF tyre tube

2...rs...40 Provisions 

Total ====1640


Stationery shop sale

Rs. 20 only.




Monday, August 26, 2024

26 August 2024 Personal Diary Shayari Master Mukhtyar Singh Karnawal Alwar Rajasthan

 26 August 2024   Monday    (जन्माष्टमी )

विक्रमी सम्वत 2081  भादरो वदी 08

नानकशाही सम्वत  556 भादरू 11

साका सम्वत 1946

हिजरी सम्वत 1446


Personal Diary Shayari 

Master Mukhtyar Singh Karnawal 

 M.i.A  Alwar   Rajasthan  


मौसम 

आज मौसम बादलों से भरा हुआ था । दोपहर को धूप खिली 

दोपहर को व शाम का बरसात होती रही ।


सुबह 

सुबह थोडा लेट उठा व चाय पीने के बाद बहाला स्टैण्ड 

पर गयाः अशोक हीरो होन्डा सर्विस दुकान से 11 बजे तक 

बाईक RJ02 GS 2024 Splendour + सर्विस करवायी ।


दोपहर

दोपहर को तीन जोड़ी कपड़े धोये व छोटी बहन सरोज कौर 

मिलने को आयी ।


शाम

शाम 4 बजे खाना बनाकर खाया व एक लघु उद्योग 

(छोटी फैक्ट्री) के मालिक व दोस्त से 

मुलाकात में इतफाक से मजदूर कि सैलैरी कितनी होनी 

चाहिए इस विषय पर बहस छिड़ गयी जो करीब एक घंटे 

तक नाॅन स्टाॅप चली ।

मित्र का कहना था कि मजदूरों को सरकार 

द्वारा निर्धारित कम से कम सैलैरी 285 रूपये प्रतिदिन   

ही दी जानी चाहिए और मेरा कहना था कि कम से कम 

500 रूपये प्रतिदिन दी जानी चाहिए ।

दरअसल वो पूंजीपतियों की और मै मजदूरों की पैरवी 

कर रहा था ।

रात 

रात को फेसबुक पर लाईव कार्यक्रम किये ।


विचार 

मानाकि अकुशल मजदूर की प्रतिदिन मजदूरी राजस्थान 

सरकार ने 285 रूपये तय की है ।

और सरकार ने यह तय कर दिया कि जो कोई मजदूर को 

285 रूपये से कम देगा वह अपराधी हैं ।

लेकिन पूँजीपतियों को अपराधी की डैडलाईन के किनारे 

पर बैठने के बजाय इससे मीलों दूर इंसानियत की जगह पर 

बैठना चाहिए ।

ये पूँजीपति राजनैतिक दलों करोडी रुपयों का चंदा देकर 

मजदूर विरोधी नीतियाँ बनवाने के बजाय मजदूरों को 

अच्छा वेतन दें ।

प्रत्येक मजदूर की कम से कम सैलैरी 26000 रूपये 

महीना होनी चाहिये ।


मजदूर  किसान एकता जिन्दाबाद

अखिल भारतीय किसान सभा 

जिला अलवर  (राजस्थान)  

जिला संयोजक

काॅमरेड़ मुखत्यार सिंह करनावल 

 

Expanses 

1..rs  110 bike Petrol 

2 ..rs.670 bike service

3...rs 30 refreshment 

4...rs 55 Provisions 

 





 



Sunday, August 25, 2024

25 August 2024 Sunday Personal Diary Shayari Master Mukhtyar Singh Karnawal Alwar Rajasthan

 पहले देखते थे कि कब होगें  ?

फिर देखते थे कि कितने सफेद है  ?

फिर देखने लगे कि कितने काले है  ?

अब देखते हैं कि कितने बचे हैं  ??

Friday, August 23, 2024

24 August 2024 Saturday Master Mukhtyar Singh Karnawal M.I.A Alwar Rajasthan

 24 August 2024 Saturday 

Master Mukhtyar Singh Karnawal M.I.A 

Alwar Rajasthan 

Personal Diary Shayari 

शायरी मास्टर मुखत्यार सिंह करनावल अलवर राजस्थान

 शायरी मास्टर मुखत्यार सिंह करनावल अलवर राजस्थान 


तुम्हें खूब पता है यहाँ खुदा के घर में भी होती हैं चोरियाँ ।

इक तुम हो कि इस चोर बाजार में महबूब लिए घूमती हो ।।


27.08.2024 ======

हम तो पतंगे हैं जो शमा को चूमते है ।

छोटी ने मना कर दिया तो बड़ी को ढूंढते हैं ।। 

23 August 2024 Personal Diary Shayari Master Mukhtyar Singh Karnawal Alwar Rajasthan

 Personal Diary Shayari 

Master Mukhtyar Singh Karnawal (M.I.A) 

Alwar Rajasthan 

23 August 2024  Friday 

विक्रमी सम्वत 2081 भादरो वदी 04

नानकशाही सम्वत 556 भादरू  08

साका सम्वत 1946   ,   हिजरी सम्वत 1446

1...शायरी 

जब मूँह ही भर लिया नोटों से

तो ये तफ्तीश का तमाशा क्यों 

जब हड्डियां ही बहा दी गंगा में 

तो उनके आने का ये झूँठा दिलासा क्यों ?

 

मौसम = आज मौसम साफ है व दोपहर में ऊमस व गर्मी है । 


सुबह = सुबह 5 बजे उठा । खाना बनाया और काम पर गया ।

आज से फिर स्टेशनरी की दुकान का महुरत किया ।


दोपहर = 3 बजे से 4:30 तक आराम किया ।

शाम = शाम को Pending डायरी लिखी ।

राशन लाया । खाना बनाया ।

रात = रात को 12 बजे तक मोबाइल पर व्यस्त रहा ।

मोबाइल पर डायरी  = आज रात से फिर ब्लॉग पर पर्सनल 

डायरी शायरी लिखनी शुरू कर दी ।

U Tube  = आज से फिर Education U tube channel 

पर वीडियो  Upload करनी शुरू कर दी ।




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